
गोड्डा : झालसा के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से रविवार को मंडल कारा में जेल अदालत का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह पीडीजे देवेंद्र कुमार पाठक एवं प्राधिकार सचिव प्रदीप कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य तौर पर डालसा के पैनल अधिवक्ता अफसर हसनैन ने मंडल कारा के बंदियों को संबोधित किया। कहा कि समाज में सभी को सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार है। देश के सभी नागरिक कानून की नजर में समान हैं। सभी को संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्य प्राप्त है। इनके अधिकार का हनन करने पर कानून में सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि आवेश में आकर कोई ऐसा कार्य ना करें जिसके लिए जेल आना पड़े। नागरिकों को न्याय सुलभ कराने के लिए नेशनल से लेकर पंचायत स्तर तक विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। जिसके तहत समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को, महिलाओं को, दिव्यांगों को, बंदियों को, अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता दिए जाने का प्रावधान है। बदलते जमाने के साथ साथ कानून में भी बदलाव किया जा रहा है। नाबालिग बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पोक्सो एक्ट कानून में लाया गया है। इसके तहत किसी भी बालिका महिला को छेड़ना, प्रताड़ित करना, शारीरिक एवं मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना, दुष्कर्म के लिए प्रेरित करना करने के लिए कठोर सजा का प्रावधान है। इसमें नाबालिक का बयान ही सजा के लिए काफी है। वहीं, जेलर सोनू कुमार ने कहा कि बंदियों के लिए प्राधिकरण की ओर से निशुल्क में वकील मुहैया कराया जाता है। अगर किसी बंदी के पास केस लड़ने के लिए पर्याप्त राशि पैरवी के लिए वकील नहीं है तो वैसे बंदी उन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आवेदन दे सकते हैं। पीएलवी नवीन कुमार झा ने कहा कि प्ली बारगेनिंग के तहत अपना दोष कबूल करने पर कम सजा का प्रावधान है। कम कम से कम क्षतिपूर्ति राशि देकर आप सजा के लिए सदा के लिए बरी हो सकते हैं। जेल अदालत में कार्यक्रम का संचालन पीएलवी इंतेखाब आलम ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन जेलर की ओर से किया गया।